इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये क्वाड समूह के नेताओं का हाल ही में पहला शिखर सम्मेलन वर्चुअल रूप से आयोजित किया गया है।
क्वाड समूह के नेताओं के प्रथम शिखर सम्मलेन में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने भाग लिया।
क्वाड समूह-
यह, जापान, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया देशों का एक चतुष्पक्षीय संगठन है।
इस समूह की शुरुआत के ऊभार दिसंबर 2004 में हिंद महासागर में आई सुनामी के बाद गठित ‘सुनामी कोर ग्रुप’ में देखे जा सकते है।
सुनामी कोर ग्रुप में इस समूह के चारों देशों ने दिसंबर 2004 में मिलकर राहत कार्यों में योगदान दिया था।
क्वाड की अवधारणा- क्वाड की अवधारणा सबसे पहले जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे द्वारा वर्ष 2007 में प्रस्तुत की गई थी।
इसके बाद, इन चारो देशों के मध्य वर्ष 2007 में हुए आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान पहली बार बैठक हुई।
वर्ष 2007 में क्वाड की अवधारणा को चीन के दबाव में ऑस्ट्रेलिया के पीछे हटने से इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका था।
वर्ष 2012 में शिंज़ो आबे द्वारा हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये Democratic Security Diamond स्थापित करने का विचार प्रस्तुत किया था।
इस समूह के सभी सदस्य लोकतांत्रिक राष्ट्र होने साथ गैर-बाधित समुद्री व्यापार तथा सुरक्षा संबंधी हित साझा करते हैं।
क्वाड समूह या संगठन का महत्व-
क्वाड (Quad) समूह समान विचारधारा वाले देशों का समूह है।
क्वाड (Quad) समूह के सदस्य परस्पर सूचनाएं साझा करने व पारस्परिक हितों संबंधी परियोजनाओं पर सहयोग करेगे।
क्वाड (Quad) समूह के सदस्य मुक्त इंडो-पैसिफिक दृष्टिकोण को महत्व देते हैं।
इस समूह के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चीन को नियंत्रित करना चाहते है।
क्वाड शिखर सम्मेलन सम्मेलन के परिणाम-
शिखर सम्मेलन में समावेशी हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता को व्यक्त किया गया है।
क्वाड शिखर सम्मेलन में कहा गया है कि वैक्सीन, जलवायु परिवर्तन और उभरती हुई टेक्नोलॉजी पर आधारित आज के विश्व को नई राह दिखायी जायेगी।
अप्रत्यक्ष रूप से चीन द्वारा पेश की जा रही वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की गयी।
COVID-19 के लिए कोरोना से पीड़ित देशों को वैक्सीन की ‘न्यायसंगत’ पहुंच सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को व्यक्त किया गया।
भारत-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) क्षेत्र को मानवाधिकारों के अनुरूप प्रशासित करने की बात की गयी है।
क्वाड समूह के प्रति चीन का नजरिया-
क्वाड समूह के शिखर सम्मेलन से पहले चीन ने एक बयान जारी कर कहा था कि ”राष्ट्रों को किसी तीसरे पक्ष के हितों पर निशाना साधना या नुक़सान नहीं पहुँचाना चाहिए।” इससे चीन द्वारा क्वाड समूह की मजबूती और चीन के दृष्टिकोण का पता चलता है।
क्वाड समूह की शिखर सम्मेलन बैठक को चीन हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में अपने हितों के विपरीत देखता है। चीन के रणनीतिक समुदाय द्वारा, इसे एक उभरता हुआ “एशियाई नाटो” ब्रांड बताया जाता है।