हाल ही में चीनी हैकर समूहों ने भारत के अलग-अलग विद्युत् केंद्रों पर साइबर हमला करके निशाना बनाया है।
हालांकि चीनी हैकर समूहों के साइबर हमले से पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन पर किसी प्रकार का प्रभाव नहीं पड़ा है।
विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इन घटनाओं से किसी प्रकार की डेटा क्षति का पता नहीं चला है।
जून 2020 में भारत और चीन के बीच सीमा पर घातक झड़प हुई थी और यह साइबर हमला का परिणाम भी हो सकता है|
वर्ष 2020 में अक्टूबर में मुंबई में ग्रिड विफलता का कारण इन चीनी हैकरों को माना गया था।
साइबर हमलों की रोकथाम हेतु भारत सरकार के प्रयास
National Critical Information Infrastructure Protection Centre– NCIIPC की स्थापना की गयी है।
साइबर सुरक्षा की घटनाओं को CERT-In में शीघ्रता से रिपोर्ट करने की अनिवार्यता को लागू किया गया है।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (Indian Cyber Crime Coordination Centre – I4C) का गठन किये जाने की घोषणा की गयी है।
Cyber Swachhta Kendra की स्थापना|
साइबर हमला
साइबर हमले को कंप्यूटर अपराध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है|
वास्तविक दुनिया के बुनियादी ढाँचे, संपत्ति तथा किसी के जीवन को हानि पहुँचाए बिना किसी कंप्यूटर नेटवर्क को लक्षित कर उसे क्षति पहुँचाना साइबर हमला कहलाता है।
साइबर हमला का उद्देश्य- इंटरनेट और कंप्यूटरों के माध्यम से किसी अन्य के कंप्यूटरों पर नियंत्रण करने का प्रयास करके अन्य के कंप्यूटरों की गोपनीय जानकारी चुराना|
तकनीक पर लगातार बढ़ती जा रही है निर्भरता के कारण कई देशों को साइबर हमलों की चिंता भी होने लगी है। इस कारण साइबर हमले अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये भारी खतरा बनते जा रहे है।
साइबर वॉर में तकनीकी उपकरणों और अवसंरचना को भी भारी हानि होती है।