Digital Renminbi

Digital Renminbi
सुर्ख़ियों में- Digital Renminbi
  • हाल ही चीन ने अपनी नई डिजिटल मुद्रा का प्रयोगिक परीक्षण का दौर प्रारम्भ किया है। चीन के द्वारा इस वर्ष के अंत अपनी नई डिजिटल मुद्रा को व्यापक स्तर पर शुरू करने की योजना है।
  • चीन का केंद्रीय बैंक वर्ष 2014 से ही अपनी डिजिटल मुद्रा पर अनुसंधान कर रहा है। चीन की यह डिजिटल मुद्रा Bitcoin और Libra के समान होगी।
  • चीन के लिए यह डिजिटल मुद्रा न केवल वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से भी काफी आवश्यक है।
चीन की डिजिटल मुद्रा का रूप-
  • चीन ने अपनी नई डिजिटल मुद्रा को आधिकारिक तौर पर Digital Currency Electronic Payment–DCEP के रूप में घोषित Digital Renminbi को अपनाने की बात कही है। Renminbi चीन की वर्तमान मुद्रा है।
  • चीन की इस Digital Renminbi को चीन के केंद्रीय बैंक द्वारा अधिकृत ‘एप्लिकेशन’ के माध्यम से डाउनलोड और एक्सचेंज किया जा सकेगा।
चीनी डिजिटल मुद्रा की प्रमुख विशेषताएं-
  • चीनी की डिजिटल मुद्रा एक ‘वैध मुद्रा’ (legal tender) है।
  • इस पर कोई लेनदेन शुल्क नहीं लगेगा है।
  • चीनी की डिजिटल मुद्रा को इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं होगी।
  • चीनी की डिजिटल मुद्रा ‘नियर-फील्ड कम्युनिकेशन’ (NFC) तकनीक के माध्यम कार्य करेगी।
  • चीन की ‘डिजिटल मुद्रा’ से संबंधी खातों को एक ‘निजी पहचान संख्या’ के साथ खोला जा सकेगा।
चीनी डिजिटल मुद्रा का महत्त्व-
  • चीनी डिजिटल मुद्रा को लाना एक ऐसी बात मानी जा रही है जिससे वैश्विक संतुलन में बदलाव आ सकता है। ये चीन की उन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं का हिस्सा है जिनका उद्देश्य अमरीका के प्रभाव को ख़त्म करना और 21वीं सदी का एक शक्तिशाली देश बन कर उभरना है।
  • चीन की अर्थव्यवस्था की रक्षा होगी क्योंकि डॉलर का और बिटकाइन का वैश्विक प्रभाव चीन की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा साबित हो सकते है।
  • यह वैश्विक निवेशकों और व्यवसायियों को डॉलर के अतिरिक्त किसी अन्य मुद्रा में भुगतान करने का विकल्प प्राप्त होगा।
  • इससे चीन की अर्थव्यवस्था में अवैध धन के प्रवाहित होने की संभावना काफी कम हो जायेगी है।
  • चीन की यह डिजिटल मुद्रा दीर्घावधि में चीन की वित्तीय प्रणाली में लेनदेन की दक्षता को सुधारने में महत्त्वपूर्ण साबित होगी।
चीनी डिजिटल मुद्रा से संबंधित चिंताएँ-
  • डिजिटल मुद्रा से लोगों को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है, इसलिये यह आम लोगों की गोपनीयता पर एक गंभीर खतरा उत्पन्न होगा।
  • हालाँकि चीन सरकार ने आम लोगों को गोपनीयता प्रदान करने का वादा किया है, किंतु ऐसा करना अपेक्षाकृत काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
डिजिटल मुद्रा
डिजिटल मुद्रा का तात्पर्य-
  • डिजिटल मुद्रा या डिजिटल पैसा या इलेक्ट्रॉनिक धन या इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा एक प्रकार की मुद्रा है जो केवल डिजिटल रूप में उपलब्ध है, शारीरिक रूप में नहीं (जैसे बैंकनोट्स और सिक्के)।
  • अथवा
  • डिजिटल मुद्रा एक संग्रहित मूल्य कार्ड या अन्य डिवाइस पर इलेक्ट्रॉनिक रूप से दर्ज धनराशि है। इलेक्ट्रॉनिक धन का एक नेटवर्क पैसा है, जो कंप्यूटर नेटवर्क पर मूल्य हस्तांतरण की अनुमति देता है, खासकर इंटरनेट पर।
  • डिजिटल मुद्रा भी भौतिक मुद्राओं के समान गुण प्रदर्शित करती है, लेकिन तत्काल लेनदेन और सीमाहीन स्थानांतरण स्वामित्व के लिए अनुमति देता है।
डिजिटल मुद्रा का उदभव-
  • सर्वप्रथम क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” के रूप में थी।
  • बिटकॉइन को जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनायी थी।
वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध डिजिटल मुद्रायें-
  • वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध कुछ डिजिटल मुद्रायें निम्न है-
    1. बिटकॉइन
    2. लाइटकॉइन
    3. जैकैश
    4. एथ्यूरम
    5. डॉगकॉइन
    6. रेड कॉइन
  • ये सभी डिजिटल मुद्राओं का उदाहरण हैं जिनमें से बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय है।
डिजिटल मुद्रा के संभावित लाभ-
  • डिजिटल मुद्रा निजता बनाए रखने में मददगार है क्योंकि क्रिप्टो-करेंसी के ज़रिये लेन-देन के दौरान छद्म नाम एवं पहचान बताए जाते हैं। ऐसे में अपनी निजता को लेकर अत्यधिक संवेदनशील व्यक्तियों को यह माध्यम उपयुक्त जान पड़ता है।
  • डिजिटल मुद्रा पारंपरिक बैकिंग व्यवस्था का एक विकल्प हो सकती है क्योंकि बैंकिंग प्रणालियों तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले लेन-देन पर सरकार का सख्त नियंत्रण होता है। वहीं क्रिप्टो-करेंसी उपयोगकर्त्ताओं को राष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम के प्रत्यक्ष नियंत्रण के बाहर धन के आदान-प्रदान का एक विश्वसनीय और सुरक्षित माध्यम प्रदान करता है।
  • यह मुद्रा एक डिजिटल करेंसी है जिसमें भौतिक धोखाधड़ी की उम्मीद बहुत कम होगी।
  • अधिकतर डिजिटल मुद्राओं के वॉलेट उपलब्ध हैं जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन-देन सरल हो जायेगा।
  • डिजिटल मुद्राओं को कोई अथॉरिटी कंट्रोल नहीं करती जिसके चलते नोटबंदी और करेंसी का मूल्य घटने जैसा खतरा किसी के सामने नहीं आयेगा।
  • कई देश ऐसे हैं जहां कैपिटल कंट्रोल नहीं है। मतलब कि यह बात तय ही नहीं है कि देश से बाहर कितना पैसा भेजा जा सकता है और कितना मंगवाया जा सकता है। लिहाजा, क्रिप्टो करेंसी खरीद कर उसे देश के बाहर आसानी से भेजी जा सकती है और फिर उसे पैसे में रुपांतरित किया जा सकता है।
  • अधिक पैसा होने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। लिहाजा, निवेश के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है।
डिजिटल मुद्रा के संभावित नुकसान-
  • डिजिटल मुद्रा का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं है, क्योंकि इसका मुद्रण नहीं किया जा सकता।
  • डिजिटल मुद्रा को कंट्रोल करने के लिए कोई देश, सरकार या संस्था नहीं है जिससे इसकी कीमत में कभी बहुत अधिक उछाल देखने को मिलता है तो कभी बहुत ज्यादा गिरावट, जिसकी वजह से क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना जोखिम भरा सौदा है।
  • डिजिटल मुद्रा का उपयोग गलत कामों के लिए जैसे हथियार की खरीद-फरोख्त, ड्रग्स सप्लाई, कालाबाजारी आदि में आसानी से किया जा सकता है, क्योंकि इसका इस्तेमाल दो लोगों के बीच ही किया जाता है।
  • डिजिटल मुद्रा को हैक करने का भी खतरा बना रहता है। इस करेंसी का कोई मालिक न होने के कारण हैकिंग होने से मना भी नहीं किया जा सकता है।
  • डिजिटल मुद्रा में यदि कोई ट्रांजैक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं क्योंकि यह नियंत्रित नहीं है, जिससे आपको घाटा होता है।
निष्कर्ष-
  • वर्तमान में क्रिप्टो-करेंसी की आगे की सफलता इसके विनियामक ढाँचे के स्वरूप पर निर्भर करेगी क्योंकि विभिन्न देशों ने इस नवाचार के प्रति अलग-अलग दृष्टिकोण अपनाया है। अतः सरकार को आतंक के वित्तपोषण, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी में क्रिप्टो-करेंसी के संभावित प्रयोग को ध्यान में रखते हुए नीतियाँ बनानी होंगी।
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