Increasing Steps for Good Education in India
‘सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा’ की ओर बढ़ते कदम
वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में 6-13 वर्ष की आयु वर्ग के 20.78 करोड़ बच्चे हैं। आज प्राथमिक से आगे पढ़ाई करने वाले बच्चों का औसत 90 प्रतिशत से अधिक हो गया है।
सरकार ने बच्चे के मूल्यांकन की व्यवस्था में भी बदलाव किया है। पहले यह राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण पाठ्यपुस्तक सामग्री आधरित था, अब यह योग्यता आधरित मूल्यांकन है।
शिक्षा में समानता के लिए सभी राज्यों में अब एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम पर आधरित शिक्षा दी जा रही है।
राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय:- 19 जून, 2018 को राष्ट्रीय पठन-पाठन दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी का लोकार्पण किया गया। इस डिजिटल पुस्तकालय मेें पाठ्य पुस्तक, निबंध, वीडियो-ऑडियो पुस्तकें, व्याख्यान, उपन्यास तथा अन्य प्रकार की शिक्षण सामग्री शामिल की गई है। डिजिटल लाइब्रेरी के उपयोग की सेवा निःशुल्क है। यहां 200 भाषाओं में 160 स्रोतों की 1.7 करोड़ अध्ययन सामग्री उपलब्ध है। इसके अलावा डिजिटल शिक्षा के लिए स्वयं, स्वयंप्रभा, ई-यंत्र आदि प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराए गए हैं।
शाला दर्पण:- स्कूलों के कारगर प्रशासन व्यवस्था के लिए शाला दर्पण के तहत उन्हें स्कूल मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा गया है। 5 जून, 2015 को 1099 केन्द्रीय विद्यालयों में इसकी शुरुआत हुई।
शाला सिद्वि योजना:- स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 7 नवम्बर, 2015 से शाला सिद्वि योजना शुरू की गई है। इस पोर्टल पर सभी स्कूल निर्धरित सात मापदंडों पर स्वयं का मूल्यांकन करते हैं।
शगुन:- यह सर्व शिक्षा अभियान के लिए समर्पित एक वेब पोर्टल है।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान-रूसा:- मानव संसाधन विकास मंत्रालय की इस योजना के तहत राज्यों के उच्चतर शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद:- मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के अन्तर्गत राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद सर्वोच्च संस्था है जो देश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन करती है।
राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क:- देश की उच्च शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए वर्ष 2016 में इस रैंकिंग सिस्टम को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया।
ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स:- ग्लोबल इनिशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क्स ज्ञान का शुभारंभ आईआईटी गांधी नगर, गुजरात में 30 नवम्बर, 2015 को किया गया। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अन्तरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है।
उन्नत भारत अभियान:- मानव संसाधन विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय ने मिलकर 12 जनवरी, 2017 को इस योजना की शुरुआत की। इसके अन्तर्गत उच्चतर शिक्षण संस्थाएं चुने हुए नगर निकायों और गांवों के समूहों के विकास कार्यों की योजना बनाने और लागू करने में सहयोग देंगी।
हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी:- केन्द्रीय केबिनेट ने 12 सितम्बर, 2016 को हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी की स्थापना को मंजूरी प्रदान की। यह एजेंसी उच्च शिक्षण संस्थाओं में अन्तरराष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं एवं अन्य साध्नों को उपलब्ध कराने के लिए धन की व्यवस्था करेगी।
कौशल विकास योजना:- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अन्तर्गत प्रारंभिक चरण में देश के 24 लाख युवाओं को विभिन्न उद्योगों से संबंधित स्किल ट्रेनिंग देना सरकार का लक्ष्य है। वहीं, वर्ष 2022 तक 50 करोड़ लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इम्पैक्टिंग रिसर्च इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी इंप्रिंट इंडिया:- 5 नवम्बर, 2015 को इंप्रिंट इंडिया योजना शुरू की गई। इसका उद्देश्य समाज में नवाचार के लिए आवश्यक क्षेत्रों की पहचान करना, पहचाने गए क्षेत्रों में प्रत्यक्ष वैज्ञानिक अनुसंधान और इन क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए उचित कोष की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। साथ ही अनुसंधानों के परिणामों का शहरी और ग्रामीण क्षेत्र पर प्रभाव का अध्ययन भी इंप्रिंट इंडिया द्वारा किया जाता है।