International Intellectual Property Index 2023

International-Intellectual-

Important for:-

1. RAS pre.

2. RAS Mains– Paper-III/Unit- III /LAW

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के चैंबर्स ऑफ कॉमर्स द्वारा अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक-2023 को जारी किया गया है।

इस सूचकांक में भारत को 55 देशों में से 42वें स्थान पर रखा गया है।

बौद्धिक संपदा:-

बौद्धिक संपदा का तात्पर्य किसी व्यक्ति की मानसिक रचनाओं जैसे संगीत, साहित्यिक कृति, कला, खोज, प्रतीक, नाम, चित्र, डिजाइन, कापीराइट, ट्रेडमार्क, पेटेन्ट आदि को कहते हैं।

व्यक्ति की मानसिक रचनाओं को बौद्धिक सम्पदा का भी स्वामी मानते हुए एक निश्चित अवधि के लिए अपने आविष्कार या निर्माण की रक्षा के लिए आविष्कारक या निर्माता को कानूनी अधिकार दिए जाते है।

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक:-

  • जारीकर्ता– संयुक्त राज्य अमेरिका का चैंबर्स ऑफ कॉमर्स
    • यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स– दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार महासंघ है जो व्यवसायों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है।
    • स्थापना– अप्रैल, 1912 में
  • स्वरूप– वार्षिक रिपोर्ट
  • उद्देश्य– इस सूचकांक के निम्न उद्देश्य है-
  • वैश्विक अर्थव्यवस्थों के मध्य नवाचार, रचनात्मकता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देते हुए आर्थिक विकास में नवीन पहलों का समर्थन करना।
  • बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के सन्दर्भ में अंतरराष्ट्रीय समझौतों का अनुसमर्थन करना।

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक-2023 :-

  • यह सूचकांक 50 वैश्विक संकेतकों के साथ में 55 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के लिए जारी किया गया है।
  • शीर्ष स्थान प्राप्त देश-
    • प्रथम- संयुक्त राज्य अमेरिका
    • द्वितीय- ब्रिटेन
    • तृतीय- फ्रांस
  • भारत को 55 देशों में से 42वें स्थान पर रखा गया है।
  • भारत के सन्दर्भ में सूचकांक के निष्कर्ष
  • भारत ने कॉपीराइट चोरी के मामलों में तेजी से निपटने की कवायद शुरू की है जो इन अधिकारों के एक भाग के रूप में सराहनीय है।
  • भारत आईपी-संचालित नवाचार के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था को बदलने में सक्षम है।
  • भारत में न उदार अनुसंधान और आईपी-आधारित कार्यों कों प्रोत्साहन करने के साथ-साथ IPR के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य भी कर रहा है।
  • भारत ने कॉपीराइट-उल्लंघन सामग्री के खिलाफ प्रवर्तन में सुधार के लिए कदम उठाए हैं।
  • हालांकि वर्तमान में बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड का 2021 विघटन भारत की IPR की पहलों को कमजोर करने वाला सिद्ध हो रहा है।

विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (WIPO):-

  • गठन- वर्ष 1967 में
  • मुख्यालय- जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में
  • सदस्य देश- 191 देश
  • उद्देश्य- दुनियाभर में बौद्धिक संपदा संरक्षण को बढ़ावा देना।
  • भारत 1975 में WIPO का सदस्य बना था।
  • बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण के सन्दर्भ में वैश्विक संधियाँ-
    • पेरिस कंवेन्शन-1883 (औद्योगिक संपदा के संरक्षण के लिए)
    • बर्न कंवेन्शन- 1886 (साहित्यिक और कलात्मक कामों के संरक्षण के लिये)
    • मर्राकेश संधि- 2013 (इस संधि के अनुसार किसी किताब को ब्रेल लिपि में छापे जाने पर इसे बौद्धिक सम्पदा का उल्लंघन नहीं माना जाएगा।)
  • भारत और बौद्धिक संपदा अधिकार:-
    • भारत ट्रिप्स समझौते के लिये प्रतिबद्धता दर्शाता है।
    • भारत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन का सदस्य है।
    • बौद्धिक संपदा के विकास को निर्देशित करने के लिये राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति 2016 को जारी किया गया है।
  • भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के संरक्षण के सन्दर्भ में कानून
    • पेटेंट अधिनियम 1970 और पेटेंट (संशोधन) एक्ट 2005
    • ट्रेडमार्क एक्ट 1999
    • कॉपीराइट एक्ट 1957 (संशोधन) एक्ट 1999
    • वस्तुओं का भौगोलिक संकेतन (पंजीकरण और संरक्षण) एक्ट 1999
    • डिजाइन एक्ट, 2000
    • राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति-2016
  • भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के सन्दर्भ में चुनौतिया:-
    • बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड का 2021 विघटन होना। यह भारत की IPR की पहलों को कमजोर करने वाला सिद्ध हो रहा है।
    • बौद्धिक संपदा अधिकारों के सन्दर्भ में हुए उल्लंघन के सन्दर्भ में जाँच एजेंसियों के पास विशेषज्ञता का अभाव होना।
    • पेटेंट कार्यालयों में पेटेंट आवेदनों का बैकलॉग होना।
    • आम लोगों में बौद्धिक संपदा अधिकारों के सन्दर्भ में ​जागरूकता का अभाव होना।

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