Internet Shutdowns

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2. RAS Mains- Paper-II/Unit- II

सुर्ख़ियों में

  • हाल ही में एक्सेस नाउ एंड कीपइटऑन गठबंधन द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत वैश्विक स्तर पर इंटरनेट शट-डाउन करने के सन्दर्भ में शीर्ष स्थान पर है।
  • भारत ने वर्ष 2022 में 84 बार इंटरनेट शट-डाउन किया है जो विश्व में किसी देश द्वारा किया गया सर्वाधिक बार इंटरनेट शट-डाउन है।
  • एक्सेस नाउ एंड कीपइटऑन गठबंधन की इस रिपोर्ट के अनुसार भारत लगातार पाँचवें वर्ष इस सूचकांक में शीर्ष स्थान पर रहा।

इंटरनेट शट-डाउन क्या होता है ?

  • इंटरनेट शटडाउन सरकार द्वारा कानून सम्मत इंटरनेट पर लगाया गया पूर्ण प्रतिबंध है जिसे सरकार द्वारा जारी किया जाता है ताकि उस जगह पर इंटरनेट सेवाओं का उपयोग ना किया जा सके।
  • इंटरनेट शटडाउन एक विशिष्ट स्थान और विशिष्ट अवधि, समय या दिनों की संख्या से लेकर यह अनिश्चित समय तक हो सकता है।

इंटरनेट शटडाउन के सन्दर्भ में भारत में कानूनी प्रावधान

  • CrPC की धारा 144– इसके तहत जिला मजिस्ट्रेट, उप- मजिस्ट्रेट या राज्य सरकार द्वारा किसी हिंसा या उपद्रव की आशंका के आधार पर इंटरनेट को प्रतिबंधित करने का अधिकार डेटा है।
  • भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम-1885भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 भारत में वायर्ड और वायरलेस टेलीग्राफी, टेलीफोन, टेलेटाइप, रेडियो संचार और डिजिटल डेटा संचार के उपयोग को नियंत्रित करता है। भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5(2) CrPC की धारा 144 के समान ही है।
  • दूरसंचार अस्थायी सेवा निलंबन नियम-2017– इसके अंतर्गत देश के गृह के सचिव या राज्य के गृह के सचिव को दूरसंचार सेवाओं के निलंबन की शक्ति प्राप्त है।
  • सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय और संशोधन:-
  • अनुराधा भसीन बनाम भारत संघ वाद-2020- इंटरनेट सेवाओं का निलंबन युक्तियुक्त आधारों पर ही होना चाहिए, अनिश्चितकालीन निलंबन भारतीय संविधान के खिलाफ है।
  • सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद केंद्र सरकार ने इंटरनेट निलंबन आदेशों को अधिकतम 15 दिनों तक सीमित किया।

इंटरनेट शटडाउन के सन्दर्भ में वैश्विक परिदृश्य:-

  • एक्सेस नाउ एंड कीपइटऑन गठबंधन द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में 35 देशों में 187 बार इंटरनेट शट-डाउन किया गया। हालांकि 33 देशों में ही बार-बार शटडाउन की घटना दर्ज की गई है।
  • रिपोर्ट के अनुसार भारत वर्ष 2022 में 84 बार इंटरनेट शट-डाउन करके शीर्ष स्थान पर, यूक्रेन 22 बार शट-डाउन करके दूसरे स्थान पर है, ईरान 18 तथा म्याँमार 7 इंटरनेट शटडाउन के साथ सूची में क्रमशः तीसरे और चौथे स्थान पर हैं।

इंटरनेट शटडाउन के सन्दर्भ में एशिया महाद्वीप का परिदृश्य:-

इंटरनेट शटडाउन के कारण:-

इंटरनेट शटडाउन के कारण पड़ने वाले प्रभाव:-

  • व्यवसायों के लिये इंटरनेट पर निर्भर लोगों को इंटरनेट शट-डाउन का सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इंटरनेट शट-डाउन के कारण व्यवसाय को हुए नुकसान का प्रत्यक्ष रूप से देश की आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुचता है।
  • वर्तमान में इंटरनेट समाज में संचार का सबसे सशक्त माध्यम है है जो लोगों को आपसे में जोड़ता है। इन्टरनेट शट-डाउन से सामाजिक सम्प्रेष्ण बाधित होता है।
  • अनेक देशों में सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर रहे लोगों की आवाज को दबाने के लिए सरकार द्वारा सूचना को नियंत्रित करके विरोध का दमन किया जाता है।
  • इंटरनेट शट-डाउन से शैक्षिक गतिविधियों बाधित होती है जिससे बच्चों की सिखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
  • वर्तमान में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व टेलीमेडिसिन जैसी प्रणाली पूर्णत इन्टरनेट पर निर्भर है। अत: इसका स्वास्थ्य पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है।

इंटरनेट शटडाउन का समाधान:-

  • इन्टरनेट शटडाउन के सन्दर्भ में युक्तियुक्त आधारों को कानून में संहिताबद्ध किया जाना चाहिए ताकि सरकार द्वारा किसी प्रकार की मनमानी नहीं की जा सके।
  • कोई एप विशेष जिससे समाज की शांति को खतरा हो तो सरकार सम्पूर्ण इंटरनेट शटडाउन की बजाय उस एप विशेष के सन्दर्भ में इंटरनेट तक पहुँच को रोका जाना चाहिए।
  • इंटरनेट के माध्यम से होने वाली अवांछित गतिविधियों के लिए पुलिस को अपग्रेड किया जाना चाहिए ताकि इन्टरनेट शटडाउन करने की नौबत न आए।

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