Vehicle Scrapping Policy

Vehicle Scrapping Policy
सुर्ख़ियों में- Vehicle Scrapping Policy
  • हाल ही में केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित वाहन स्क्रैपिंग नीति (Vehicle Scrapping Policy) की केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री ने लोकसभा में घोषणा की है।
  • Vehicle Scrapping Policy के अंतर्गत 20 साल से अधिक पुराने वाणिज्यक वाहन व 15 साल से अधिक पुराने निजी वाहनों को इस नीति के तहत स्क्रैप किया जायेगा।
  • इस नवीन नीति के कारण 6 माह में 7 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन खत्म हो जायेगा व 5 साल में 11 लाख वाहन स्क्रैप होंगे।
वाहन स्क्रैपिंग नीति के उद्देश्य-
वाहन स्क्रैपिंग नीति के निम्न उद्देश्य है-
  • वाहन मालिकों को पुराने और खराब वाहनों से होने वाले नुकसानों से अवगत करवाना।
  • सड़कों पर चलने वाले वाहनों की सुरक्षा में सुधार करना।
  • पुराने और खराब वाहनों को सड़कों से हटाना या कम करना।
  • पुराने और खराब वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषकों को कम करना।
  • खराब वाहनों से सड़क को होने वाले नुकसान को कम करना।
वाहन स्क्रैपिंग नीति के तहत किये गये प्रावधान-
  • इस नीति के तहत पुराने वाहनों का पुनः पंजीकरण कराने से पूर्व फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।
  • यह फिटनेस टेस्ट अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर स्वचालित फिटनेस केंद्र में किया जाएगा।
  • फिटनेस टेस्ट के तहत वाहनों से होने वाले उत्सर्जन का परीक्षण, पुराने वाहनों के ब्रेकिंग सिस्टम का परीक्षण व अन्य सुरक्षा घटकों का परीक्षण किया जाएगा।
  • पुराने वाहन जो इस टेस्ट को पास करने में विफल रहते है उनको Scrap कर दिया जाएगा।
  • पुराने वाहन के Scrap होने के बाद अगर कोई नया वाहन खरीदता है तो राज्य सरकारों निजी वाहनों के लिये 25% तक और व्यावसायिक वाहनों हेतु 15% तक रोड-टैक्स में छूट प्रदान कर सकती है।
  • पुराने वाहन के Scrap होने के बाद वाहन निर्माताओं द्वारा ‘स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट’ दिखाने वालों को नई गाड़ी लेने पर 5% की छूट दी जाएगी।
  • नया वाहन लेने वाले व्यक्ति को वाहन के पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी।
  • पुराने वाहनों के पुनः पंजीकरण कराने के लिए शुल्क को बढ़ाया जायेगा ताकि ऐसे वाहनों के प्रयोग को रोका जा सके।
प्रस्तावित स्क्रैप नीति को लागू करने की समयावधि
  • फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर के लिये नियम- 01 अक्तूबर, 2021 से लागू।
  • 15 वर्ष से अधिक के सरकारी और पी.एस.यू. वाहनों की स्क्रैपिंग- 01 अप्रैल, 2022 से लागू।
  • भारी वाणिज्यिक वाहनों के लिये अनिवार्य फिटनेस परीक्षण- 01 अप्रैल, 2023 से लागू।
  • चरणबद्ध तरीके से अन्य श्रेणियों के लिये अनिवार्य फिटनेस परीक्षण- 01 जून, 2024 से लागू।
वाहन स्क्रैपिंग नीति के लाभ-
  • पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग से नये वाहन आयेगे जो की Bharat Stage-6 norms पर आधारित होगे जो ईंधन दक्षता में सुधार में सहायक होगे।
  • पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग से प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।
  • इस नीति के कारण नये स्क्रैप यार्डो का निर्माण होगा जो पुराने वाहनों के कचरे से प्रभावी रूप से निपटने में मदद करेगे।
  • इस नीति के तहत नये स्क्रैप यार्डो व फिटनेस सेंटरों से लगभग 35 हज़ार लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  • इस नीति के तहत भारत में 10,000 करोड़ रुपए का निवेश प्राप्त होगा।
  • वाहन स्क्रैपिंग नीति से भारी और मध्यम वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा।
  • इस वाहन स्क्रैपिंग नीति के लागू होने से सरकार को राजस्व के माध्यम से लगभग 30,000 से 40,000 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।
  • पुराने वाहनों के स्क्रैपिंग से पुनर्चक्रण से धातु और प्लास्टिक को वापस प्राप्त किया जा सकेगा जिससे इन उत्पादों की नवीन माँग में कमी आयेगी। औसतन 1000 किलो के वाहन की स्क्रैपिंग से 55 प्रतिशत स्टील प्राप्त किया जा सकता है।
  • स्क्रैपिंग से पुनर्चक्रण के परिणामस्वरूप ऑटो कंपोनेंट को वापस प्राप्त किया जा सकेगा जिससे ऑटो कंपोनेंट की कीमतें कम हो जाएगी।
  • इस नीति से प्राप्त पुनर्चक्रण उत्पादों से वाहन निर्माताओं की उत्पादन लागत कम हो जाएगी।
वाहन स्क्रैपिंग नीति के समक्ष चुनौतियाँ-
  • फिटनेस टेस्ट सेंटर पर “फिटनेस टेस्ट पास प्रणाम पत्र” प्राप्त करने के लिए वाहन मालिक और फिटनेस टेस्ट सेंटरों के मध्य साठ-गाठ देश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा।
  • विभिन्न स्क्रैपिंग तकनीकों व रोजगार प्राप्त करने वाले लोगों में कौशल का अभाव इस नीति में समन्वय की कमी को इंगित करेगा।
  • स्क्रैपिंग सुविधा केंद्रों पर पर्यावरण एवं प्रदूषण मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाना मुश्किल होगा।
निष्कर्ष यह नीति पर्यावरण के अनुकूल, ईंधन कुशल वाहनों को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी।
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