Bihar Special Armed Police Bill-2021

Bihar Special Armed Police Bill-2021
सुर्ख़ियों में- Bihar Special Armed Police Bill-2021
  • हाल ही में बिहार की विधानसभा ने Bihar Special Armed Police Bill-2021 पारित कर दिया है जो बिहार पुलिस के हाथों में अतिरिक्त शक्तियाँ प्रदान करता है।
  • हालांकि Bihar Special Armed Police Bill-2021 का विस्तार नियंत्रित और सीमित होगा जो केवल कुछ विशिष्ट भागों में ही लागू होता है।
Bihar Special Armed Police Bill-2021 लाने की आवश्यकता क्यों पड़ी-
  • बिहार सैन्य पुलिस का गठन बंगाल पुलिस अधिनियम-1892 के तहत किया गया था। बिहार पुलिस आयोग ने 1961 में बिहार मिलिट्री पुलिस में संशोधन की सिफारिश की थी।
  • बिहार पुलिस आयोग की इस सिफारिश में बिहार मिलिट्री पुलिस को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के रूप में गठन करने की बात कही गई थी।
  • बिहार में साल 2010 में राज्य में Central Industrial Security Force की 23 कंपनियां थीं, अभी ये 45 हो चुकी हैं। इस कारण राज्य सरकार को अधिक पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं।
  • इस बिल से नया बल (फोर्स) बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
  • बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस द्वारा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के साथ-साथ उग्रवाद से भी मुकाबला किया जायेगा जो बिहार में शांति कायम करने में सहायक होगा।
  • Bihar Special Armed Police Bill-2021 के मुताबिक एयरपोर्ट-मेट्रो की सुरक्षा के लिए और राज्य की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए इस फोर्स की जरूरत है।
बिल के उद्देश्य-
  • Bihar Special Armed Police Bill-2021 का उद्देश्य, बिहार की सैन्य पुलिस को अच्छी तरह से प्रशिक्षित तथा विशेषज्ञताओं से लैस करना और विकास संबंधी जरूरतों को पूरा करना है।
बिल के प्रमुख प्रावधान-
  • इस विधेयक के मुताबिक बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को किसी को गिरफ्तार करने के लिए किसी वॉरन्ट की जरूरत नहीं होगी और ना ही मजिस्ट्रेट की इजाजत लेनी होगी।
  • बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को लगे कि किसी ने अपराध किया है तो उसे केवल शक की बिनाह पर ही गिरफ्तार किया जा सकता है।
  • अगर कोई शख्स हमले की धमकी देता है, हमला करता है, धमकी देता है या फिर सशस्त्र पुलिस को काम करने से रोकता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।
  • बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के किसी अधिकारी पर कोई आरोप है, जैसे मारपीट या फिर प्रताड़ना के, तो भी कोर्ट खुद से इसका संज्ञान नहीं ले सकेगा।
  • बिहार सैन्य पुलिस का नाम बदलकर ‘बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस’ किया गया है, तथा इसके लिए, ‘केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल’ (CISF) की तर्ज पर अधिक शक्ति प्रदान की गयी है।
  • बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल राज्य की वाणिज्यिक और औद्योगिक परिसंपत्तियों को बेहतर ढंग से सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हो सकेगी।
  • यह बल अधिसूचित प्रक्रिया के अनुसार लोक-व्यवस्था बनाए रखना, चरमपंथ से निपटना, अधिसूचित प्रतिष्ठानों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करता।
बिल से संबंधित चिंताएँ-
  • यह बिल पुलिस कर्मियों को ‘निरंकुश शक्‍ति’प्रदान करता है जो लोगों के मूलाधिकारों के हनन का कारण बन सकता है।
  • अधिनियम की धारा 15 में उल्लेख है की सरकार की अनुमति के बगैर बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल के अधिकारियों पर कोर्ट संज्ञान नहीं ले सकती। अत: यह न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र को सीमित करती है।
  • यह विधेयक उन क्षेत्रों को निर्दिष्ट नहीं करता जहाँ यह लागू होगा।
निष्कर्ष-
  • इस बिल के प्रावधान बिहार पुलिस को ओर अधिक शक्तियाँ प्रदान करते है जो बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर कर सकते है और बिहार में विकास के साथ-साथ शांति को स्थापित करने में सहायक हो सकते है।
  • हालांकि इस बिल के अधिकतर प्रावधान न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र को सीमित करते है जो संविधान के मूल स्वरूप का उल्लंघन है। अत: इस बिल को और इसके प्रावधानों को ओर अधिक उल्लेखित किये जाने की मांग की जा सकती है।
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